बचपन मे तो फिर भी लुका-छिप्पी
मे हम दोनों मिल जाया करते थे
जब से बड़े हुए है साले मिलते

नए लोग से आज कुछ तो सीखा हे,
पहले अपने जैसा बनाते हे
फिर अकेला छोड़ देते है

हो सके तो दूर रहो मुझसे,
टूटा हुआ हूँ चुभ जाऊँगा.

आज मुस्कुराने
की हिम्मत नहीं मुझमें,
आज टूट कर मुझे
तेरी याद आ रही है.

मेरी एक छोट
सी बात मान लो,
लंबा सफर है
हाथ थाम लो.

भरोसा रखना मेरी वफाओं पर,
दिल में बसा कर हम किसी को भूलते नहीं..

“जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना
दोस्तो वो मुस्कुरा भी दे तो
आँसू निकल आते हैं |”

ना जाने क्या कमी है मुझमें
ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती,
मैं उसको भूल नहीं पाता ।

सच कहा था किसी
ने तन्हाई में जीना सीख लो
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो
साथ छोड़ ही जाती है. |

If You Left Me Without Any Reason,
Don’t Come Back With An Excuse.

आजकल हर कोई अपना
बनता है , पर सिर्फ बातों से

देखते है अब किस की जान जायेगी,
उसने मेरी और मेने उसकी कसम खाई हैं.

उसने कहा तुम सबसे अलग हो,
सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग |

“किसीके अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ,
की वो बुरा बनने के लिये मजबुर बन जाये.”

पीना तो मुझे आता भी नहीं था,
वो तो तेरी दो पल कि मोहब्बत ने मुझे शराबी बना दिया |

आँखों ने तुझे देखा था और दिल ने पसंद किया
बता आँखे निकाल दूँ? या सीने से दिल?

दिल मेरा तोडा ऐसे वीरान भी न रहने दिया ।
खुद खुदा हो गया मुझे इन्सान भी न रहने दिया ।

ना जाने क्या कमी है मुझमें,
ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती,
मैं उसको भूल नहीं पाता ।

फरियाद कर रही है,
तरसी हुई निगाह,
किसी को देखे हुये,
अरसा हो गया है.

सुनो बहुत इंतजार करता हूँ तुम्हारा,
सिर्फ एक कदम बढा दो
बाकी के फासले मै खुद तय कर लूँगा.

रिश्तों के दलदल से कैसे निकलेंगे,
जब हर साज़िश के पीछे
आपके अपने निकलेंगे।

अब कहाँ ज़रूरत है
हाथों में पत्थर उठाने की,
तोडने वाले तो सब कुछ
जुबान से ही तोड दिया करते हैं।

दर्द मेरे दिल का किसने देखा है,
मुझे सिर्फ खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठकर रोते हैं,
महफ़िल में लोगों ने हमें हस्ते देखा है।

बेपनाह मोहब्बत की सज़ा पाए बैठे हैं,
हासिल कुछ ना हुआ, सबकुछ लुटाये बैठे हैं।

मालूम था मुझे वो न मेरी थी,
और न कभी होगी,
बस एक शौक था,
उसके पीछे ज़िन्दगी बर्बाद करने का।

सब छोड़ते ही जा रहे हैं मुझको ऐ ज़िन्दगी,
तुझे भी इजाज़त है, जा… जा के ऐश कर।

आज परछाई से पूछ ही लिया मैंने,
क्यों चलते हो साथ मेरे,
साफ़ कह दिया उसने हंसके,
और कोई है साथ तेरे।

रात भर जागता हूँ उस शख्स की यादों में,
जिसे दिन के उजाले में भी मेरी याद नहीं आती।

बो भूल सा गया है मुझे,
समझ नहीं आ रहा कि,
हम आम हो गए हैं,
या कोई और खास हो गया है।

अब इंतज़ार की ये घड़ियाँ खत्म कर ऐ खुदा,
जिसके लिए बनाया है उससे मिलवा भी दे जरा।
